top of page
Audio articles sound wave.jpg

ब्रह्मचर्य - पवित्र जीवन : Celibacy (Hindi)

♫ Listen audio article

BrahmacharyaBK Smarth
00:00 / 10:11
Brahmacharya

Read Article along

ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय से संपर्क में आने वाले मनुस्यो को यह प्रश्न रेहता ही है - की 'पवित्रता' जो यहाँ का मुख्य विषय और नियम है, उसका यथार्त अर्थ क्या है? क्या सिर्फ शरीर से ब्रह्मचर्य में रहना है?
➥इस लेख में आप जानेंगे - पवित्रता का गुह्य अर्थ।

★ ब्रह्मचर्य ~ जीवन जीने का तरीका ★
दुनिया, ब्रह्मचर्य जीवन को एक कुमारी के रूप में समझती है। लेकिन यह केवल एक बाहरी जीवन शैली नहीं है, बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है। अब हम ईश्वरीय ज्ञान के माध्यम से यह समझ गए है की ब्रह्मचर्य अर्थात मन में पवित्रता (विचारों में), मुख में शुद्धता (हमारे शब्दों में) और भौतिक शरीर की पवित्रता (ब्रह्मचर्य होने) में है। पवित्रता या ब्रह्मचर्य का विषय अति सूक्ष्म है। अतः यदि कोई समझने और पूरी तरह से धारण करने की इच्छा रखता है, तो एक शब्द में पवित्रता का अर्थ है 'संपूर्ण आत्म चेतना’।

➥ राजयोग के अनुशासन में से पहला अनुशासन "ब्रह्मचर्य" का पालन है। ब्रह्माकुमारी व ब्रह्माकुमार जैसे ही आगे बढ़ते है, पवित्रता के मूल्य को समझते है और दुनिया में रहते हुए भी ब्रह्मचर्य जीवन को अपनाते है। ब्रह्मचर्य आत्मा को शुद्ध करने के लिए पहला कदम है। पवित्रता का व्रत, न केवल ब्रह्मचर्य का व्रत है, बल्कि यह हर विचार, वचन और कर्म में शुद्ध रहना है। कोई कह सकता है कि ब्रह्मचर्य स्वाभाविक रूप से आसान है। दूसरे कह सकते हैं, यह लगभग असंभव है। इस तरह से, जो लोग मानते हैं कि यह किसी तरह मुश्किल है, निश्चित रूप से वह भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर सकते हैं। क्योंकि यह न भूले कि खुद भगवान ने हमें पवित्रता का संदेश दिया है। इस गुण (पवित्रता का) के बिना, कोई भी...

Useful Link

bottom of page