दादी गुलज़ार (हृदय मोहिनी जी) की जीवनी
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राजयोगिनी दादी हृदय मोहिनी जिनको गुलज़ार के नाम से भी जाना जाता है, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की मुख्य प्रशासनिक प्रमुख थीं (अप्रैल 2020 से १० मार्च 2021 तक)। दादी गुलज़ार, यज्ञ के अति आरंभ (1936) मे, 8 वर्ष की आयु में "ओम निवास" नामक बोर्डिंग स्कूल द्वारा इस यज्ञ में शामिल हुईं, जिसकी स्थापना दादा लेखराज (जिनका तब नाम बदल कर ब्रह्मा बाबा रखा गया) ने बच्चों के लिए की थी। दादी गुलज़ार की आयु 92 थी जब उन्होंने शरीर त्यागा व अव्यक्त हुए।
✱ प्रारंभिक जीवन कहानी ✱
दादी गुलज़ार, जिनका लौकिक नाम शोभा था, सन 1929 में भारत के हैदराबाद के सिंध शहर में हुआ। उनकी माताजी के शोभा को मिला कर ८ बच्चे थे। इसलिए उन्होंने स्वेच्छा से शोभा को बाबा के यज्ञ में आत्मसमर्पण करा दिया क्योंकि वे पहले ही चाहतीं थी कि उनका एक बच्चा आध्यात्मिकता की और जाये...